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About this item
- अष्टगन्ध में आठ पदार्थ होते हैं- कुंकुम, अगर, कस्तुरी, चन्द्रभाग, त्रिपुरा, गोरोचन, तमाल, जल आदि। पंचगंध में गोरोचन, चंदन, केसर, कस्तूरी और देशी कपूर मिलाया जाता है। गंधत्रय में सिंदूर, हल्दी और कुमकुम मिलाया जाता है। यक्षकर्दम में अगर, केसर, कपूर, कस्तूरी, चंदन, गोरोचन, हिंगुल, रतांजनी, अम्बर, स्वर्णपत्र, मिर्च और कंकोल सम्मिलित होते हैं।
- तिलक लगाने का लाभ:- तिलक करने से व्यक्ति त्व प्रभावशाली हो जाता है। दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्तिञ के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है। ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है। लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है। दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है।
- हिन्दु परम्परा में मस्तक पर तिलक लगाना शूभ माना जाता है इसे सात्विकता का प्रतीक माना जाता है विजयश्री प्राप्त करने के उद्देश्य रोली, हल्दी, चन्दन या फिर कुम्कुम का तिलक महत्ता को ध्यान में रखकर, इसी प्रकार शुभकामनाओं के रूप में हमारे तीर्थस्थानों पर, विभिन्न पर्वो-त्यौहारों, विशेष अतिथि आगमन पर आवाजाही के उद्देश्य से भी लगाया जाता है।
- चन्दन के तिलक हमारे धर्मं चन्दन के तिलक का बहुत महत्व बताया गया है आइये जानते इसके बैज्ञानिक कारण और इसे कैसे लगाया जाता है !! भगवान को चंदन अर्पण : भगवान को चंदन अर्पण करने का भाव यह है कि हमारा जीवन आपकी कृपा से सुगंध से भर जाए तथा हमारा व्यवहार शीतल रहे यानी हम ठंडे दिमाग से काम करे। अक्सर उत्तेजना में काम बिगड़ता है। चंदन लगाने से उत्तेजना काबू में आती है। चंदन का तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है।
- तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है